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What you'll learn- Life Skills
- Positive Mindset
Descriptionमहाभारत युद्ध आरम्भ होने के ठीक पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया वह श्रीमद्भगवदगीता के नाम से प्रसिद्ध है। यह महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है। गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। गीता की गणना प्रस्थानत्रयी में की जाती है, जिसमें उपनिषद् और ब्रह्मसूत्र भी सम्मिलित हैं।
गीता में लिखा है क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है। जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क …
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What you'll learn- Life Skills
- Positive Mindset
Descriptionमहाभारत युद्ध आरम्भ होने के ठीक पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया वह श्रीमद्भगवदगीता के नाम से प्रसिद्ध है। यह महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है। गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। गीता की गणना प्रस्थानत्रयी में की जाती है, जिसमें उपनिषद् और ब्रह्मसूत्र भी सम्मिलित हैं।
गीता में लिखा है क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है। जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाते हैं। जब तर्क नष्ट होते हैें तो व्यक्ति का पतन शुरू हो जाता है। जो ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, उसी का नजरिया सही है।
भगवत गीता हमें सिखाती है कि व्यक्ति को सिर्फ और सिर्फ अपने कर्म के ऊपर ध्यान देना चाहिए और कर्म में करते समय हमें ध्यान रखना चाहिए कि जो कर्म हम कर रहे हैं वह हम सब लौटकर जरूर आएंगे. ... भगवत गीता हमें सिखाती है कि यदि जीवन में कोई काम शुरू कर दें तो उस काम को पूरा करके ही व्यक्ति को रुकना चाहिए
गीता में लिखा है बिना कर्म के जीवन बना नहीं रह सकता। कर्म से मनुष्य को जो सिद्धि प्राप्त हो सकती है, वह तो संन्यास से भी नहीं मिल सकती। आजीविका| काम कैसा चुनना चाहिए? ... व्यक्ति को अपने स्वभाव के अनुसार काम-आजीविका चुननी चाहिए।
गुस्से पर काबू - 'क्रोध से भ्रम पैदा होता है. ...
देखने का नजरिया - 'जो ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, उसी का नजरिया सही है. ...
मन पर नियंत्रण - ...
खुद का आकलन - ...
खुद का निर्माण - ...
हर काम का फल मिलता है - ...
प्रैक्टिस जरूरी - ...
विश्वास के साथ विचार -