Rating 4.25 out of 5 (2 ratings in Udemy)
What you'll learn- जीवन के वास्तविक मूल्यों को पहचानना और उन पर अमल कर एक खुशनुमा जिंदगी बनाना ही सही अर्थों में एक सफल जीवन की परिभाषा है।
- जीवन को देखने का अलग नजरिया
- आपके जीवन का मकसद क्या है या क्या होना चाहिए ये सिर्फ आप तय कर सकते हैं ।
- अपने आपको पहचाने और अपने जीवन मूल्यों को खुद परिभाषित करे
Descriptionमैं कोई साधु नहीं , ना ही कोई प्रवचन देने वाला व्यक्ति। मैं आपकी तरह ही एक सामान्य व्यक्ति हूँ जो अपने लिए सोचता है। अंतर् सिर्फ इतना है …
Rating 4.25 out of 5 (2 ratings in Udemy)
What you'll learn- जीवन के वास्तविक मूल्यों को पहचानना और उन पर अमल कर एक खुशनुमा जिंदगी बनाना ही सही अर्थों में एक सफल जीवन की परिभाषा है।
- जीवन को देखने का अलग नजरिया
- आपके जीवन का मकसद क्या है या क्या होना चाहिए ये सिर्फ आप तय कर सकते हैं ।
- अपने आपको पहचाने और अपने जीवन मूल्यों को खुद परिभाषित करे
Descriptionमैं कोई साधु नहीं , ना ही कोई प्रवचन देने वाला व्यक्ति। मैं आपकी तरह ही एक सामान्य व्यक्ति हूँ जो अपने लिए सोचता है। अंतर् सिर्फ इतना है की मैं चिंता से चिंतन के तरफ बढ़ने का प्रयास क़र रहा हूँ और चाहता हूँ की समाज में हम सभी सोचें ताकि एक ऐसा परिवर्तन आये जो इस धरती को और भी सुन्दर बनाये। बहुत बहुत धन्यवाद , आपने अपने लिए सोचा। मेरा मानना ये है की हर व्यक्ति उस परमपिता का अंश है किन्तु वह अपने आपको पहचान नहीं पा रहा है। आप सृजन करने आये हैं अपने विचारों का सुंदर सृजन करें। हम हर पल चिंतन में होते हैं अपने चिंतन को पहचाने उसे चिन्हित करें। सही और गलत का अवलोकन करें जो भी विचार सकारात्मक उद्देश्य को दर्शाये उन विचरों के ऊपर ध्यान केंद्रित करें यही रास्ता आपके जीवन को प्रगति पथ पर अग्रसर करेगा |
चिंता और चिंतन एक ही विषय नहीं हैं। आज के समय में हम चिंतित को भी चिंतक और चिंतक भी चिंतित मानने की भूल कर बैठते हैं।
समाज हमसे ही तो है हम इतने अजनबी क्यों हैं ?
राम या रावण कौन हूँ मैं ?
मेरा मस्तिस्क ही मेरा ईश्वर
अजनबी समाज
मुझे ऐसा पोस्टर मिले जो सामाजिक परिवर्तन की बात करे
समझौता
कोई नया धर्म क्यों नही बनता ?
मैं युगपुरुष
चिंतक और चिंतित
चलते रहो चरैवेति चरैवेति
बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधी लेय
क्षमा